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हनुमान जी को राम जी का सबसे बड़ा परम भक्त क्यों कहा गया है

नमस्कार मित्रों जय श्री राम आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी को राम जी का सबसे बड़ा भक्त क्यों कहा गया है मित्रों आज हम आपको एक ऐसी कथा के बारे में बताएंगे जिसमें माता सीता और हनुमान जी के बीच में हुए एक संवाद में हनुमान जी ने कुछ ऐसा लीला रची जिससे कि भगवान श्रीराम अति प्रसन्न हुए और उन्होंने हनुमान जी को अपना सबसे बड़ा परम भक्त कहा

मित्रों इस कथा को जानने के लिए आपको हमारे साथ आखिरी तक बना रहना होगा तब आप इस कथा को जान पाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं

श्री राम भक्त हनुमान की कथा

एक बार की बात है जब माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थी तभी हनुमान जी आए और उन्होंने माता सीता से प्रणाम करते हुए बोले हे माता सीता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती हो तो माता सीता ने इस जवाब का उत्तर देते हुए हनुमान से कहा

हनुमान यह सिंदूर एक पतिव्रता नारी का चिन है जो नारी अपने पति से बहुत प्रेम करती है तब वह अपनी मांग में सिंदूर लगाती है ताकि वह अपने पति के प्रति प्रेम को दर्शा सके तो हनुमान जी ने माता सीता से पूछा कि हे माता जो कोई भी अपने प्रेम को दर्शाना चाहता है वह सिंदूर लगाता है

तब माता ने हंसते हुए हनुमान से कहा हा हनुमान यह शब्द माता के मुख से सुनते ही हनुमान जी को अपने प्रभु राम के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए एक नया तरीका सोचा उन्होंने यह सोचा कि अगर माता सीता अपने पति श्री राम के प्रति प्रेम को दर्शाने के लिए सिंदूर लगाती है तो मैं भी अपने प्रभु श्री राम के प्रति प्रेम को दर्शाने के लिए सिंदूर लगाउगा

फिर हनुमान जी बहुत सारे सिंदूर को लेकर अपने हाथों पैरों मुख सभी पूरे शरीर पर लगा लिया और फिर वह सिंदूर लगे हुए हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम के सम्मुख आ गए जब श्री राम जी ने हनुमान जी का ऐसा भेश देखा तो वह हंसते हुए बोले हे हनुमान यह तुमने क्या किया पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगा लिया

तब हनुमान जी ने बड़ी ही प्रेम भाव से अपने प्रभु से कहा हे प्रभु जैसा माता सीता आपको प्रेम दर्शाने के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती है वैसे ही मैं अपने प्रभु श्रीराम यानी आप के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने के लिए अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया है

यह सब सुनकर प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को अपने गले लगा लिया और उन्होंने बोला कि जो भी भक्त हनुमान को सिंदूर चढ़ाएगा और उन्हें सिंदूर लगाएगा वह भक्त मेरा अति प्रिय होगा

मित्रों आशा करता हूं आपको आज की यह कथा आपको अच्छी लगी होगी और आपको पता चल गया होगा क्यों हनुमान जी को प्रभु श्री राम का परम भक्त कहा जाता है मित्रों अगर आपका इस कथा के प्रति कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जरूर देंगे।

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