नमस्कार प्रिय मित्रों जय श्री राम मित्रों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि रामायण में हिरण बनने वाला व्यक्ति कौन था और किस कारण से उसे श्रीराम ने मारा था मित्रों इस कथा को आज हम आपको विस्तृत रूप में बताएंगे तो अगर आप इस कथा को जानने के इच्छुक है तो आखिरी तक जरूर पढ़ें।
रामायण में हिरण बनने वाले व्यक्ति की कथा
मित्रों इस कथा की शुरुआत तब होती है जब राम के छोटे भ्राता श्री लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और वह रोते हुए अपने भाई रावण के पास गई और उसने रावण से कहा कि भाई आपकी बहन की नाक दो वनवासीयो ने काट दी है तब रावण ने श्रीराम से अपनी बहन का बदला लेने के लिए राम की पत्नी माता सीता को हरण करने के लिए मारीच नामक राक्षस का सहारा लिया था
रावण ने मारीच को कहा कि तुम हिरण बन जाओ जिससे कि राम अगर तुम्हारा शिकार करने के लिए आए तो मैं पीछे से सीता का हरण कर लूंगा तब मारीच ने ऐसा ही किया वह एक सुनहरा सोने का हिरण बन गया और वह श्री राम के वन की कुटिया के आसपास घूमने लगा जब माता सीता ने ऐसा सोने का हिरण देखा तो उन्होंने श्रीराम से कहा कि आप मेरे लिए उसी हिरण का शिकार करके ले आइए
तब भगवान श्रीराम ने उसी हिरण को पकड़ने के लिए चले गए लेकिन काफी समय तक नहीं लौटे और फिर रावण ने मायावी आवाज निकाली और माता सीता को लगा कि श्री राम मुसीबत में है तब उन्होंने लक्ष्मण को श्री राम की मदद करने के लिए भेजा तब लक्ष्मण ने माता सीता को कहा कि यह वन मायावी राक्षसों से भरा है इसलिए मैं लक्ष्मण रेखा निकाल के जा रहा हूं और उन्होंने माता सीता से यह प्रार्थना की कि आप इस लक्ष्मण रेखा को ना पार करें ।
और फिर रावण के इसी मायावी जाल की वजह से रावण ने माता सीता का हरण कर लिया और जब श्रीराम ने उस सुनहरे हिरण को तीर मार कर पकड़ा तो उसने अपना और रावण का मायावी जाल श्रीराम को बताया और यह बता कर वह मृत्यु को प्राप्त हो गया
तो मित्रों आशा करता हूं कि आपको रामायण में हिरण बनने वाला व्यक्ति कौन था इसके बारे में पता चल गया और रावण ने किस प्रकार इस हिरण की मदद से माता सीता को हरण किया इस कथा के बारे में भी पता चल गया तो अगर आप ऐसे ही कथा कहानी जानना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट पर जरूर विजिट करें।