नमस्कार प्रिय भक्तों आप सभी का हमारे वेबसाइट में स्वागत है दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि कौन धारण कर सकता है तुलसी की माला और हमें तुलसी की माला क्यों पहननी चाहिए भक्तों अगर आपको यह जानकारी चाहिए तो इस पोस्ट को आखिर तक अवश्य पढ़ें
तुलसी देवी भगवान कृष्ण को बहुत अधिक प्रिय है हिंदू धर्म में तुलसी को माता और देवी का स्वरूप माना जाता है तुलसी देवी जीव का कल्याण करने वाली है जिस व्यक्ति ने तुलसी की माला अपने गले में धारण की है वह कभी भी मृत्यु के समय यमदूतों का दर्शन नहीं करता है जो व्यक्ति भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा रखता है उसे तुलसी की माला अवश्य धारण करनी चाहिए
और किसी भी स्थिति में तुलसी की माला को तन से अलग नहीं करना चाहिए अब जानते हैं तुलसी की माला कौन कौन धारण कर सकता है तुलसी की माला पहनने से पापी से पापी व्यक्ति भी पवित्र हो जाता है तथा उसे भगवान कृष्ण अपना लेते है
वैसे तो तुलसी की माला कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है परंतु तुलसी की माला धारण करने के लिए हमें कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए तुलसी की माला धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए अर्थात प्याज लहसुन तथा मांसाहार का उसे त्याग कर देना चाहिए तुलसी की माला कोई भी धारण कर सकता है चाहे वह ब्रह्मचारी हो या वह वानप्रस्थ हो या वह ग्रस्त हो तुलसी की माला इन सभी में आप धारण कर सकते हैं
हमें तुलसी की माला को किसी भी समय अपने तन से अलग नहीं करना चाहिए चाहे परिवार में किसी का जन्म हुआ हो चाहे परिवार में किसी की मृत्यु हुई हो चाहे परिवार में और कोई त्यौहार या कोई शोक समाचार हो किसी भी समय हमें तुलसी की माला को अपने तन से अलग नहीं करना चाहिए निरंतर हमें तुलसी की माला को अपने तन से लगा रहने देना चाहिए
साथ ही साथ तुलसी की माला धारण करने के बाद में हमें प्रतिदिन 16 माला या उससे कम माला हरे कृष्णा महामंत्र का जप जरूर करना चाहिए जिन भक्तों ने दीक्षा ली है वह तो तुलसी की माला धारण करते ही हैं लेकिन जिन्होंने भी दीक्षा नहीं ली है वह भी तुलसी की माला धारण कर सकते हैं
जो भी दीक्षित भक्तजन है उन्हें तुलसी की माला तीन घेरों में पहननी चाहिए और जिन्होंने अभी दीक्षा नहीं ली है वह एक या दो घेरों में तुलसी की माला पहन सकते हैं
इस विषय में भक्ति वेदांत श्रीला प्रभुपाद जी कहते हैं जिस प्रकार सड़क पर आवारा कुत्ते घूम रहे होते हैं उन्हें आवारा कुत्ता समझकर नगरपालिका की गाड़ी उठाकर ले जाती है परंतु जिन कुत्तों के गले में पट्टा लगा हुआ होता है उन्हें पालतू समझकर नगरपालिका की गाड़ी उन्हें वहीं पर छोड़ कर चली जाती है
ठीक उसी प्रकार मृत्यु के समय जब यमदूत हमारे गले में तुलसी की माला देखते हैं तो वह समझ जाते हैं कि यह व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण या भगवान विष्णु का भक्त है और वह उसे हाथ भी नहीं लगाते हैं भगवान श्रीकृष्ण बिना तुलसी के पत्ते के भोजन तक ग्रहण नहीं करते तो बिना तुलसी की माला के वह हमें कैसे अपनाएंगे तो इसलिए हमें तुलसी की माला अवश्य पहननी चाहिए और अपने सगे संबंधी दोस्त मित्रों को भी तुलसी की माला पहनने की राय अवश्य देनी चाहिए ताकि वह भी भगवान के अनन्य भक्त की राह में आगे बढ़ सके
आज का यह है पोस्ट आपको कैसे लगा आशा करते हैं कि आज का यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हुआ होगा और आपको एक नई जानकारी मिली होगी साथ ही साथ इस पोस्ट को अपने मित्रों और परिवार के साथ अवश्य शेयर करें ताकि उन्हें भी यह अदभुत जानकारी मिल सके तो अब आपसे मिलते हैं अगली पोस्ट के साथ ऐसी ही नई जानकारी लिए तब तक के लिए हरे कृष्णा 🙏