क्या हुआ जब एक लड़की ने निधिवन में बिताई रात श्री कृष्ण की सच्ची घटना
नमस्कार दोस्तों जय श्री राधे आज की इस पोस्ट में हम आपको वृंदावन की एक सच्ची घटना के बारे में बताएंगे तो दोस्तों इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़िए गा जय श्री राधे
जम्मू से एक लड़की भगवान श्री कृष्ण को साक्षात देखने के लिए वृंदावन आती है वह श्री कृष्ण को देखने के लिए उनके हर मंदिर में जाती है पर श्री कृष्ण उसे साक्षात रूप में कहीं नहीं मिलते फिर उसे कोई कहता है कि अगर श्रीकृष्ण को साक्षात देखना है| तो वृंदावन के निधिवन में जाओ वहां पर हर रात श्री कृष्ण आते है अगर उनका साक्षात रूप देखना है तो निधिवन ही धरती पर एकमात्र जगह है
ऐसी जगह की बात सुनते ही वह लड़की तुरंत निधिवन जाती है और पेड़ों की खोखली शाखाओं के बीच छुप कर बैठ जाती है करीबन रात के 2:30 बजे कुछ ऐसा दिखता है जिसे देखकर उसके होश हवास उड़ जाते हैं उसके बाद उसने जो बताया उसे सुनकर आपको यकीन करना मुश्किल हो जाएगा आख़िर उस लड़की ने रात के 2:30 बजे ऐसा क्या देखा उसके बाद उसके साथ क्या हुआ क्या वह जिंदा बच पाई या वह पागल हो गई तो दोस्तो यह सच्ची घटना को सुनने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे
जम्मू के कटरा में एक छोटी सी बच्ची अपनी मां के साथ रोजाना भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में जाया करती थी उसकी मां रोजाना भगवान का श्रृंगार करती और पूजा पाठ करती थी वह छोटी सी बच्ची मां को रोज देखा करती थी एक बार पूजा करते हुए उस बच्ची ने मां से पूछा कि भगवान जी मुझसे कब बात करेंगे
यह सुनते ही उसकी मां ने बोला कि जब तू भगवान जी जितना बड़ी हो जाएगी तब तुमसे बातें करेंगे समय बीतता गया और वह छोटी सी बच्ची बड़ी हो गई फिर उसने अपनी मां से पूछा कि भगवान जी के जितना मैं बड़ी हो गई हूं क्या भगवान जी मुझसे बात करेंगे यह सुनते ही उसकी मां ने यह सब टालने के लिए कहा कि भगवान जी ऐसे ही नहीं मिलते उसके लिए तुम्हें कठिन साधना करनी होगी पानी में गले तक खड़े होकर भगवान का नाम जपना पड़ेगा उसने यह सब किया परंतु उसे इन सब का कुछ फल नहीं मिला उसे ज्ञान नहीं बल्कि श्रीकृष्ण के साक्षात दर्शन चाहिए थे
फिर बाद में उसे पता चला कि भगवान श्री कृष्ण तो वृंदावन में मिलते हैं वहीं रहते हैं बस यह सुनने के बाद वह तुरंत वृंदावन आ जाती है और वृंदावन आकर सब से पूछती है कि कान्हा कहां मिलेंगे सब ने उससे कहा कि कान्हा तो बांके बिहारी मंदिर में मिलेंगे यह सुनते ही माखन का मटका और हाथ में बांसुरी लेकर बांके बिहारी मंदिर पहुंच जाती है और पंडित से बोलती है कि मुझे कान्हा से मिलना है वह पंडित कहता है कि लो कर लो अपने कान्हा के दर्शन यह कहते हुऐ पंडित उस लड़की को बांके बिहारी जी के दर्शन करवा देते हैं
परंतु वह लड़की बोलती है यह तो मूर्ति है मुझे तो असली कान्हा से मिलना है पंडित जी उसे बोलते हैं कि तुम्हें हर जगह सिर्फ मूर्ति देखने को मिलेगी असली कान्हा तुम्हें कहीं नहीं मिलेंगे यह सुनते ही वह बहुत मायूस और उदास हो जाती है यह सब होते हुए एक बुजुर्ग देख रहा था और वह उस लड़की के सामने आया और बोला अगर तुम्हें कान्हा के दर्शन करने हैं तो तुम्हें वह निधिवन में मिलेंगे आज भी वह रात के वक्त निधिवन में आते हैं और गोपियों के संग रास रचाते हैं
यह सुनते ही वह निधिवन जाती है और शाम के वक्त चोरी छुपे निधिवन के पेड़ों की खोखली शाखाओं के बीच छुप कर बैठ जाती है करीबन रात के 2:30 बजे उस ऐसा दिखता है जिसे देखकर वह अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पाती है वह देखती है कि अचानक निधिवन के सारे पेड़ गोपियां बन जाती है और वहा स्वयं श्रीकृष्ण आते हैं और रास रचाते हैं यह देखकर वह बोलने लगती है कि कान्हा मुझे छोड़कर मत जाओ
फिर श्री कृष्ण उसे कहते हैं मैं तो हमेशा से ही तुम्हारे साथ था मैं कभी तुमसे अलग हुआ ही नहीं मैं हमेशा से ही तुम्हारे दिल में मौजूद था यह सुनते ही वो लड़की बोलती है कि कहां हो मेरे दिल में मुझे अभी दिखाओ उसके बाद श्री कृष्ण जी ने उसे अपना वह रूप दिखाया जाहा वह कन कन में वास करते हैं यह सब देखते ही वह लड़की बेहोश होकर जमीन पर गिर जाती है
जब उसकी आंखें खुलती है तब उसे कण-कण में भगवान दिखने लगते हैं चाहे वह दीवार हो या फिर जमीन पर चल रही चिड़िया या फिर जानवर और पेड़ पौधे उसे कण-कण में भगवान दिखने लगते हैं दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वह लड़की बाद में श्रीकृष्ण से विधिवत शादी भी कर ती है इस लड़की को लोग आज भी मीरा कह कर बुलाते हैं और वह आज भी वृंदावन की गलियों में कहीं ना कहीं आपको देखने को मिल जाएगी
क्या हुआ जब एक लड़के ने निधिवन मे की रिकॉर्डिंग निधिवन की सच्ची कहानी

नमस्कार प्रिय मित्रों जय श्री राधे मित्रों आज हम आपको निधिवन की सच्ची कहानी के बारे में बताएंगे जिसमें की एक ऐसा अलौकिक चमत्कार हुआ है जिसे सुनने के बाद में आपको यह पूर्ण रुप से विश्वास हो जाएगा कि निधिवन में अभी भी भगवान श्रीकृष्ण गोपियों और राधा रानी आकर रास करती है
मित्रों यह कहानी सत्यता पर आधारित है इस कहानी को कहते हुए भी मुझे बड़ा अलौकिक और दिव्य महसूस हो रहा है तो आपको सुनने में भी बहुत अच्छा लगेगा मित्रों अगर आप ऐसे ही कथा कहानी और सच्ची घटना पर आधारित हमारे सनातन धर्म देव और भगवान के बारे में जानना चाहते हो तो आपको हमारे ब्लॉग पर ऐसे ही पोस्ट मिलेंगे तो चलिए मित्रों अभी हम इस सत्यता पर आधारित निधिवन की सच्ची कहानी को आपको सुनाते हैं
एक बार की बात है हिमांशु नाम का एक लड़का था जो अपने माता-पिता तथा अपने दादा दादी के साथ अपने घर पर रहता था वह अपने घर में सबसे लाडला और सब को चाहने वाला लड़का था घरवाले उससे बहुत प्यार करते थे क्योंकि वह घर में केवल इकलौता लड़का था
उसके दादा-दादी भी उससे बहुत प्यार करते थे हिमांशु जब भी रात को सोने जाता तो वह अपने दादा दादी से कहानी सुनने की जिद करता और वह कहानी उसकी दादी भगवान श्री कृष्ण और निधिवन की कहानियां उसे सुनाती उसे विश्वास नहीं होता कि निधिवन में ऐसी अलौकिक घटनाएं होती है पर उसकी दादी उससे कहती कि बेटा भगवान की लीला तो केवल वही जानते हैं
कब क्या कर दे यह कोई नहीं जानता पर यह सत्य है कि निधिवन में अभी भी भगवान कृष्ण राधा रानी तथा गोपियां रास करती है परंतु उसे अपनी दादी पर पूरा विश्वास नहीं होता है और ऐसे ही दिन बीतते जाते हैं धीरे-धीरे वह 18 साल का हो जाता है एक बार उसके दोस्त की बहन की शादी जो कि वृंदावन में थी उसके दोस्त ने हिमांशु को अपनी बहन की शादी के लिए वृंदावन आने का निमंत्रण दिया
हिमांशु बहुत ही ज्यादा खुश हुआ इसलिए नहीं कि वह अपने दोस्त की बहन की शादी में जा रहा है बल्कि इसलिए कि उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था वह सोच रहा था कि यह मौका सही है इसे हाथ से नहीं गंवाना चाहिए क्योंकि अगर मैं अब वृंदावन जाकर उस घटना के बारे में अपनी आंखों से देख लूं जिस घटना को मेरी दादी बचपन में मेरे को बताया करती थी
क्या वह सत्य है या वह केवल एक लोककथा ही है जो कि सदियों से चली आ रही है और यह सत्य है या असत्य हिमांशु को यह मौका बहुत ही अच्छा लगा और वह जल्दी से जल्दी अपना सामान पैक कर के अपने दोस्त के निमंत्रण पर वृंदावन जाने की तैयारी करने लगा और घरवालों को बोलने लगा कि वह अपने दोस्त की बहन की शादी मैं वृंदावन जा रहा है तो घर वालों ने भी उसे जाने से नहीं रोका
परंतु उसने यह बात नहीं बताई अपने घर वालों को कि वह वृंदावन में निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण गोपियों और राधा रानी की रासलीला को देखने के लिए जा रहा है घर वालों को भी इस बारे में नहीं पता था तो सभी ने उसे जाने के लिए मंजूरी दे दी और उसने बस पकड़कर वृंदावन के लिए रवाना हो गया 1 दिन पश्चात जब वह वृंदावन में पहुंचा तो वह अपने दोस्त से मिला और उसकी बहन की शादी में उसने खूब मस्ती की
और अपने दोस्त की बहन की शादी को पूरा होने के बाद उसने अपनी निधिवन की रासलीला देखने की इच्छा अपने दोस्त से जाहिर की परंतु जैसे ही उसके दोस्त को उसकी इस बात का पता चला तो उसने साफ तौर पर मना कर दिया और उसने यह भी कहा कि हमें यह गलत काम नहीं करना चाहिए क्योंकि उसके दोस्त को पता था कि निधिवन में साक्षात भगवान श्री कृष्ण राधा रानी और गोपियां अभी भी आकर रास रचाती है
तो उसने अपने मित्र को कहा कि दोस्त हमें ऐसा काम नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान श्री कृष्ण की इस अलौकिक लीला को देखने के लिए अभी हम सक्षम नहीं है और अगर हम हट पूर्वक या किसी से छुपकर देंखेगे तो यह हमारे लिए बहुत बुरा होगा परंतु उसका दोस्त कहां मानने वाला था उसने अपने दोस्त से जिद की हिमांशु की इस प्रकार जिंद को देखकर हिमांशु के दोस्त ने उससे कहा कि
दोस्त देखो मैं तो तुम्हारे साथ यह काम करने नहीं जाऊंगा परंतु अगर तुम जाना चाहते हो तुम्हें मना करने के बाद भी तो तुम जा सकते हो तो हिमांशु अपने दोस्त को बिना साथ लिए ही खुद केवल अकेले ही निधिवन की रासलीला देखने के लिए चला गया उसने सबसे पहले वृंदावन में मंदिर के दर्शन किए और करीब 6:00 बजे वह निधिवन पहुंच गया जब निधिवन के पट बंद होने वाले थे तो वह चुपके से निधिवन के अंदर एक पेड़ के पीछे छुप गया
जब मंदिर के पंडित आकर निधिवन में देखने लगे तो उन्हें कोई वहां देखने को नहीं मिला तो वह वहां से चले गए परंतु कुछ समय बाद में हिमांशु क्या देखता है वहां पर बैठे बंदर पशु पक्षी कीड़े मकोड़े सब कोई धीरे-धीरे वहां से जाने लगे धीरे-धीरे कर कर वहां पर कोई भी नहीं था एक चींटी भी वहां पर दिखाई नहीं दे रही थी परंतु हिमांशु को तो अपनी हट थी वह वहां से जाना नहीं चाहता था इसलिए वह उस पेड़ की डाल के पीछे ही छिपा रहा कुछ देर बाद
जैसे ही अंधेरा हुआ एक पेड़ की लता से एक तीव्र प्रकाश प्रगट होने लगा हिमांशु को लगा कि यह उसका वहम होगा इसलिए वह पेड़ की डाल के पीछे से देखने लगा परंतु उसे कुछ खास दिखाई नहीं दिया धीरे-धीरे वहां पर स्थित पेड़ अपना रास्ता बदलने लगे और अपना आकार भी बदलने लगे हिमांशु को खुद पर विश्वास नहीं होने लगा और वहां पर घुंघरू की आवाज आने लगी हिमांशु यह देखकर बहुत ही डर गया कुछ देर बाद जब हिमांशु यह देख रहा था
तो अचानक उसका सर भारी होने लगा और वह बेहोश होने लगा परंतु हिमांशु सोचने लगा कि अगर मैं बेहोश हो जाऊंगा तो कुछ नहीं देख सकूंगा इसलिए वह बेहोश होने से पहले अपने मोबाइल से रिकॉर्डिंग चालू कर देता है और वह बेहोश होकर वहां पर गिर जाता है उसके पश्चात जब उसकी आंखें खुलती है तो वह अपने घर पर होता है और उसे बेहोश हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं
यह देखकर वह बहुत आश्चर्य में पड़ जाता है और जब वह अपने घर वालों को निधिवन की सत्य घटना के बारे में बताने के लिए बोलना शुरू करता है तो वह अचानक जोर से रोना शुरू कर देता है और वह किसी भी प्रकार उस घटना के बारे में अपने परिवार को नहीं बता पा रहा था परंतु उसने सोचा कि जब मैं बेहोश होने वाला था तब मैंने मोबाइल से रिकॉर्डिंग को चालू किया था इसलिए वह झटपट अपने दादा को अपनी मोबाइल की रिकॉर्डिंग दिखाने के लिए जाता है
परंतु जब वह रिकॉर्डिंग दिखाना शुरू करता है तो वहां पर कुछ भी रिकॉर्ड नहीं हुआ होता है यह देखकर हिमांशु को निधिवन की सत्य घटना के बारे में विश्वास हो जाता है और उसे यह भी पता चल जाता है कि आज भी भगवान श्री कृष्ण राधा रानी तथा गोपियां निधिवन में आकर रास रचाते है इस घटना के बाद में हिमांशु का जीवन एकदम से बदल जाता है
वह भगवान श्री कृष्ण पर पूर्ण रुप से विश्वास करने लगता है और वह अपने निधिवन पर छुपकर देखने के इस महापाप के लिए पश्चाताप भी करता है और वह भगवान से प्रार्थना भी करता है कि हे प्रभु मैं जो गलत काम किया है उसके लिए मेरे को क्षमा कर दीजिए और धीरे-धीरे हिमांशु के जीवन फिर से सही होने लगता है।
मित्रों आज हमने जो हिमांशु की कहानी आपको बताई है यह सत्यता पर आधारित है इस कहानी को हमने अपने बड़े बुजुर्गों के द्वारा सुनी है और वह बोलते हैं कि यह कहानी पूर्ण रूप से सत्य है और आज भी हिमांशु जीवित है उसके बहुत से वीडियो आज भी इंटरनेट पर उपलब्ध है
मित्रों आज की यह कथा आशा करता हूं आपको अच्छी लगी होगी अगर आप ऐसी ही भगवान श्री कृष्ण की सत्यता पर आधारित लीलाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें धन्यवाद
निधिवन में रात को रुकने वाली इस महिला के साथ ये हुआ
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निधिवन में रात में क्या होता है?
निधिवन में रात में क्या होता है आज भी निधिवन में रात में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी तथा गोपिया मिलकर रास रचाते हैं बहुत सी घटनाएं हैं जो कि यह बताती है कि निधिवन में आज भी गोपियां कृष्ण और राधा रानी रास रचाते हैं जो कि इंटरनेट पर उपलब्ध है अगर आप इन घटनाओं के बारे में जानना चाहते हो तो यह आपको बहुत ही आसानी से मिल जाएगी और ऊपर हमने ब्लॉक पोस्ट में भी आपको बताया है
निधिवन की क्या कहानी है?
निधिवन की कहानी यही है कि उस वन में रात्रि को भगवान कृष्ण रास रचाते हैं गोपियों के साथ राधा रानी के साथ
निधिवन की स्थापना किसने की थी?
निधिवन की स्थापना भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों और राधा रानी के साथ रास रचाने के लिए की थी यह वृंदावन में स्थित है जो कि आज भी वहां पर भगवान श्री कृष्ण रास रचाने आते हैं
निधिवन में कौन से पेड़ हैं?
निधिवन में पेड़ गोपियां है जो की रात्रि को जब भगवान श्री कृष्ण आते हैं तो वह गोपियों का रूप ले लेते हैं निधिवन की लताएं पेड़ जो भी उस वन में स्थित है वह गोपियों का ही रूप है जो कि हमें भागवत में भी देखने को मिलता है और रात्रि जब भी होती है तो वह पेड़ गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं और सुबह के समय वह वापस पेड़ बन जाते हैं
निधिवन को रात में क्यों बंद किया जाता है?
निधिवन रात में इसलिए बंद किया जाता है क्योंकि रात्रि में भगवान श्री कृष्ण यहां पर गोपियों और राधा रानी के साथ रास नृत्य रहते हैं और उस नृत्य को देखने के लिए वर्जित किया गया है बहुत से लोगों ने यह रास नृत्य देखने की कोशिश की है उनमें से बहुत से लोग भगवान श्री कृष्ण का नृत्य नहीं देख पाए उनमें से कुछ लोग पागल हो गए और कुछ लोग मृत्यु को प्राप्त हो गए यह नृत्य बिना भगवान कृष्ण की इच्छा के देखना बहुत ही बड़ा महापाप है
निधिवन कितना बड़ा है?
निधिवन 2.5 एकड़ में फैला हुआ वृंदावन में स्थित एक वन है जहां पर भगवान श्री कृष्ण गोपियों और राधा रानी के साथ रात्रि को रास रचाने के लिए आते हैं इस वन की शुरुआत सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण ने की थी क्योंकि जब गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पाने की इच्छा जाहिर की और उनके साथ नृत्य की इच्छा की थी तब भगवान श्रीकृष्ण ने सभी गोपियों तथा राधा रानी के साथ वन में नृत्य और राज की लीला रची थी जो कि आज भी भगवान श्रीकृष्ण हर रात्रि को रचते हैं
कृष्ण ने रासलीला कहाँ की थी?
रासलीला भगवान श्रीकृष्ण निधिवन की थी जो कि आज भी निधिवन में बहुत सालों बाद भी भगवान श्री कृष्ण गोपी और राधा रानी के साथ रासलीला का नृत्य रचाते हैं