नमस्कार मित्रों आज हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी सीता मैया के लिए लंका में क्या लेकर गए थे मित्रों यह बात उस समय की है जब रावण ने छल पूर्वक एक साधु का भेष बनाकर माता सीता से भिक्षा मांगने के लिए गया और उसी समय जब माता सीता उसे भिक्षा देने के लिए लक्ष्मण के द्वारा खींची हुई लक्ष्मण रेखा से बाहर आई तो रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया
जब यह बात राम जी को पता चली तो वह माता सीता का पता लगाने के लिए इधर उधर भटकने लगे फिर उन्हें हनुमान जी मिले जो कि माता सीता का पता लगाने के लिए श्री राम जी की मदद करने लगे जब हनुमान जी को पता चला कि माता सीता को रावण ने अपहरण किया है और उसकी लंका सात समंदर पार है तो हनुमान जी माता सीता का हाल चाल पूछने और उनके बारे में जानने और श्रीराम का संदेश उन तक पहुंचाने के लिए सात समंदर पार लंका को लांग कर पार करने लगे
जब वह लंका पहुंचे तो उनकी भेंट अशोक वाटिका में माता सीता से हुई पहले तो माता सीता हनुमान जी को पहचान नहीं पाए तो हनुमान जी ने श्री राम जी की दी हुई चूड़ामणि माता सीता को दिखाई जो उन्हें श्री राम जी ने दी थी जब माता सीता को हनुमान जी ने चूड़ामणि दिखाए तो माता सीता को विश्वास हो गया कि हनुमान श्री राम का ही भेजा हुआ दूत है तो उन्होंने हनुमान जी से कहा कि वह है अभी तो कुशल है उन्हें जल्दी से जल्दी रावण की कैद से छुड़ा लीजिए
उन्होंने रामजी को यह संदेश दिया कि आप जल्दी से रावण को हराकर मुझे अपने साथ वापस ले जाइए मित्रों हनुमान जी सीता मैया के लिए लंका में चूड़ामणि जो श्री राम जी ने हनुमान जी को माता सीता को दिखाने के लिए दी थी और राम जी का संदेश कि वह जल्द ही उन्हें लंका से माता सीता को आजाद करवा लेंगे यह संदेश लेकर हनुमान जी माता सीता के पास गए थे।