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Snan Mantra स्नान मंत्र स्नान करते समय बोले

हमारी सनातन सभ्यता में हर किसी कर्म के लिए एक विशेष प्रकार के मंत्र का निर्माण किया गया है जैसे स्नान मंत्र Snan Mantra स्नान करने के लिए भोजन करने के लिए भोजन का मंत्र तथा आचमन करने के लिए आचमन का मंत्र ऐसे ही अनेकों प्रकार के मंत्र हमारी सनातन सभ्यता में लिखे गए हैं

परंतु दोस्तों यह स्नान मंत्र Snan Mantra जैसे मंत्र क्यों लिखे गए इसके बारे में अगर आप जानते हो तो आपको इन मंत्र की विशेषता के बारे में भी पता होगा मित्रों इन मंत्रों को इसलिए लिखा जाता था क्योंकि इन मंत्रों के द्वारा हम उस दिव्य शक्ति का आवाहन कर सकते थे जिससे की हम जो कार्य कर रहे हैं उसमें हमें पूर्णता मिल सके कहने का मतलब यह है कि हम जो भी कार्य करते हैं वह परमपिता परमेश्वर को शाक्षी मानकर करना चाहिए

जिससे कि हमारा कार्य पूर्ण होता है और हमें अनेकों प्रकार के कष्टों तथा दुखों से मुक्ति मिलती है मित्रों इसलिए हमारी सनातन सभ्यता में मंत्रों का निर्माण किया गया है आज हम आपको स्नान के समय बोलने वाला स्नान मंत्र Snan Mantra के बारे में बताएंगे मित्रों अगर आप ऐसे ही कथा मंत्र चालीसा पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारे website LadduGopalStore.Com पर जरूर visit करें धन्यवाद

Snan Mantra स्नान मंत्र 

ॐ गङ्गे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती | 

नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिं कुरु || 

श्लोकार्थ 

गंगा,यमुना,गोदावरी,सरस्वती,नर्मदा माँ,सिंधु,और माँ कावेरी 

आप सभी तीर्थ मेरे पानी में आइये में आपका आवाहन करता हु मेरे इस पानी को पवित्र जल 

बनाओ ताकि में इसमें स्नान कर अपने सभी पापो का विनाश कर सकू |

|| Snan Mantra स्नान मंत्र समाप्तः || 

Snan Mantra स्नान मंत्र के फायदे

मित्रों अगर आप Snan Mantra स्नान मंत्र के फायदे के बारे में जानना चाहते हो तो मैं आपको यह बता दूं कि इस मंत्र के पढ़ने से अनेकों फायदे होते हैं इस मंत्र को पढ़कर आप स्नान करते हो तो आपको एक दिव्य शक्ति का संचार होता हुआ अनुभव होगा जो कि आपके शारिरिक मानसिक तथा भौतिक रोगों और दुखों को जड़ से नष्ट कर देगा

मित्रों इस Snan Mantra स्नान मंत्र में हम जितनी भी सनातन धर्म में पूजनीय नदियां है उनका आह्वान करते हैं जिसमें सबसे पहले हमारे सनातन धर्म की सबसे प्रमुख नदी गंगा मैया का उसके बाद में यमुना का उसके बाद में गोदावरी सरस्वती नर्मदा मां सिंधु और मां कावेरी का हम आह्वान करते हैं और उन्हें कहते हैं कि हे मा आप इस जल को जिससे मैं स्नान करने जा रहा हूं उसे अपने पवित्र जल से स्वच्छ शुद्ध और चमत्कारी बना दो जिससे कि मेरे सारे दुख कष्ट और पाप का विनाश हो जाए और मैं संपूर्ण सुख की अनुभूति करु

मित्रों इस Snan Mantra स्नान मंत्र को पढ़ने का मुख्य रूप से यही कारण है कि हम अपनी पवित्र नदियों का आह्वान करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि आप हमें अपने जल से शुद्ध कर दो और हमें सभी दुखों से निवारण करवाओ मित्रों स्नान मंत्र को पढ़कर अगर आप स्नान करते हो तो आपको यह अनुभव होगा कि आपके जीवन में धीरे-धीरे सुख की प्राप्ति हो रही है आपका भौतिक मानसिक तथा शारीरिक सभी प्रकार का दुख और रोग नष्ट हो रहा है

मित्रों सनातन धर्म की यही तो खूबसूरती है कि उसकी अविश्वसनीय शक्तियां हमें कुछ ऐसे चमत्कार करने पर निर्भर कर देती है कि जिससे हम अपने जीवन को सरल सुखी और समृद्ध बना सकते हैं मित्रों मैं आशा करता हूं कि आप अब स्नान करते समय इस Snan Mantra स्नान मंत्र को अवश्य पढेगे और अपने जीवन में सुख समृद्धि का आवाहन करेंगे

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