Homeमंत्रश्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र - प्रणम्य शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम

श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र – प्रणम्य शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम

नमस्कार प्रिय मित्रों जय श्री गणेश मित्रों आज के इस आर्टिकल में हम आपको श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र हिंदी अनुवाद सहित और श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ इसकी विधि और इसको कैसे करना चाहिए इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे साथ ही मित्रों हम इस गणेश स्त्रोत्र का PDF फाइल भी आपको प्रदान कर रहे हैं जो आपको नीचे मिलेगा मित्रों अगर आप ऐसे ही सनातन धर्म से जुड़े वेद शास्त्र स्त्रोत्र मंत्र आदि पढ़ने के दीवाने हो तो आप हमारे वेबसाइट लड्डू गोपाल स्टोर पर विजिट करते रहिए धन्यवाद

श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र

॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच –
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

संकटनाशन गणेश स्तोत्र हिंदी में

॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच –
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥

हिन्दी अनुवाद :- श्री नारदमुनि कहते है पहले मस्तक को झुकाकर गौरीपुत्र विनायक को प्रणाम कर प्रतिदिन आयु, अभीष्ट, मनोरथ, धन संपत्ति आदि की कामना के लिये भकतावास गणपति का स्मरण करे |

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥

हिन्दी अनुवाद :- पहला नाम वक्रतुण्ड ‘ है, दूसरा नाम ‘ एकदन्त’ है तीसरा नाम ‘ कृष्णपिङ्गाक्ष है, चौथा नाम गजवक्त्र ‘ है

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥

हिन्दी अनुवाद :- पांचवा नाम ‘ लम्बोदर ‘ है, छठा नाम ‘ विकट ‘ हैं सातवा नाम ‘ विघ्नराज’ है, आठवां नाम ‘ धूम्रवर्ण ‘ है

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥

हिन्दी अनुवाद :- नवाँ नाम ‘ भालचंद्र’ है, दसवाँ नाम ‘ विनायक ‘ है ग्यारहवाँ नाम ‘ गणपति ‘ है, बारहवाँ नाम ‘गजानन’ है

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥

हिन्दी अनुवाद :- जो मनुष्य भक्तियुक्त होकर सबेरे-दोपहर-सायं काल इन तीनो संध्या के समय यह पाठ करता है। उसे विघ्न का कोई भी भय नहीं रहता यह नाम स्मरण उसके लिए सभी सिद्धिया देने वाला उत्तम स्तोत्र है |

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥

हिन्दी अनुवाद :- इस स्तोत्र से विद्यार्थी विद्या को प्राप्त करता है, धनार्थी धन को प्राप्त करता है, संतान की इच्छा रखने वालो को संतान प्राप्ति होती है, मोक्ष की इच्छा रखने वालो को मोक्ष प्राप्त होता है।

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥

हिन्दी अनुवाद :- गणपति के संकट नाशन स्तोत्र का सदा पाठ करे । जो मनुष्य इस पाठ को छः महीने तक लगातार जपता है, उसे छः महीने में अभीष्ट फल प्राप्त होता है जो मनुष्य एक वर्षतक इस स्तोत्र का पाठ करता है उसे तो सभी सिद्धिया प्राप्त हो जाती है इसमें कोई भी संशय नहीं है

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥

हिन्दी अनुवाद :- जो मनुष्य इस स्तोत्र को लिखकर आठ ब्राह्मणो को अर्पित करता है। उसे गणपति की कृपा से सभी विद्याये प्राप्त हो जाती है

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

हिन्दी अनुवाद :- || इस प्रकार से नारदपुराण में स्थित ‘संकष्टनाशन’ गणपति स्तोत्र पूरा हुआ | |

श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र PDF

ओम गणेशाय नमः मित्रों नीचे हमने श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र का PDF Download Link आपके लिए प्रदान किया है आपको नीचे Download Link पर क्लिक करके इस स्त्रोत्र को डाउनलोड कर लेना है और अगर आप इसका प्रिंट लेना चाहते हैं तो आप इसको डाउनलोड करके प्रिंट निकाल सकते हैं

श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ

मित्रों अगर श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ की बात करें तो इसमें आपको अनगिनत लाभ है अगर आप नियमानुसार इस पाठ को निरंतर जाप करते हैं तो आपका मनचाहा वर आपको मिल जाएगा चाहे अगर आप विद्यार्थी हो तो यह आपकी पढ़ाई में सफलता देगा

अगर आप एक बिजनेसमैन हो तो यह आपके बिजनेस को बढ़ाएगा और अगर आप अपने परिवारिक जीवन में सुख समृद्धि पाना चाहते हो तो यह आपके परिवार के जीवन में भी आपको सुख समृद्धि प्राप्त करवाएगा और साथ ही यह आपके दुश्मनों से भी आपकी रक्षा करेगा

संकटनाशक श्री गणेश स्त्रोत्र एक ऐसा स्त्रोत है जो नारद पुराण संकटनाशन गणेश स्तोत्र है जिसमें आपको संपूर्ण सुरक्षा या मिलती है भगवान गणपति की कृपा से आपके जीवन में संपूर्ण सुरक्षा और संपूर्ण धन लाभ सुख समृद्धि और शांति का अनुभव आपको जीवन में मिलेगा श्री गणपति से मेरी यही प्रार्थना रहेगी कि वह आपके जीवन में संपूर्ण सुरक्षा धन लाभ और आपके जीवन में आपको मोक्ष की प्रदान करें श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र के लाभ

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