श्री कृष्ण गोपाल प्रार्थना
नटबर पगुधारी गोकुलानन्दकारी ।
बृज युवति बिहारी रास लीला प्रचारी ॥
बहु वनवारी कंश को मान भारी ।
सकल विघ्नटारी लीजिये प्रभु सुधि हमारी ॥
नाथन के नाथ हो….
धन बृन्दावन गाँव है धन बृन्दावन धाम ।
धन बृन्दावन ऋषि कहें, सुमिरे राधेश्याम ॥
जहाँ जाय गोपी बसे, जहां बसे यदुराय ।
प्रियजन की रक्षा करों, मुरली मधुर बजाय ॥
गउवन के पीछे फिरे, लिये लकुटिया हाथ ।
धन-धन गउवन भाग्य है कृष्ण लिये अवतार ॥
धन यौवन उड़ जायगो, जैसे उड़त कपूर ।
नारायण गोपाल भज, क्यों चाटे जग धूर ॥
⭐⭐⭐

नमो कृष्ण भगवान वंशी बजैया प्राथना
नमो कृष्ण भगवान वंशी बजैया ।
नमो कृष्ण संकट में, धीरज धरैया।
नमो कृष्ण भक्तों के दुःख के हरैया।
नमोनन्द- नन्दन हमारे कन्हैया ॥
नमस्कार चरणों में आनन्द दाता ।
नमस्कार सर्वत्र ज्ञाता विधाता ।।
नमो कृष्ण केशव कन्हैया बिहारी ।
नमो कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारी ।
नमो कृष्ण अवतार – धारी मुरारी ।
नमो भक्त वत्सल नमो धर्म धारी ॥
तुम्हारा ही भक्तों में भगवान बल है।
तुम्हीं से सदा भक्त जीवन सफल है ॥
सुजन भक्तजन के सुमन श्याम तुम हो ।
दुःखी दीन दुनियाँ के आराम तुम हो।
सदा सच्चिदानन्द घनश्याम तुम हो ॥
हरे नीति आगम निगम सार तुम हो।
सकल विश्व के एक आधार तुम हो ।।
सुना है तुम्हें भक्त जन सब सुमरते ।
नहीं आप फिर एक क्षण धीर धरते।
दया कर दया मय सकल दुःख हरते ।
हृदय से लगा प्रेम से पार करते ।।
तुम्हारे ही बल से मगन भक्त रहते हैं।
हरे कृष्ण श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण कहते हैं।
प्रभो दास को भक्ति का पथ मिला दो ।
मुझे मन के मन्दिर में दर्शन दिखा दो ।
हरे कृष्ण श्रीकृष्ण मुझको रटा दो।
इसी नाम का चक्र मन में चला दो ॥
रहे मेरे मन में अटल कृष्ण भक्ति ।
मधुप मैं बनूं कमल कृष्ण भक्ति ॥
लगालूँ लगन तुममें मुरली मनोहर ।
रहूँ मैं मगन तुझमें मुरली मनोहर ।
रखूँ अपना मन तुझमें मुरली मनोहर ।
मिलूँ त्याग तन तुझमें मुरली मनोहर ॥
नारायण अब दिखें मुझको जीवन खिवैया ।
मुझे रट लगे श्री कृष्ण कन्हैया कन्हैय्या ।।
⭐⭐⭐

हमें हे कृष्ण हे केशव प्राथना
हमें हे कृष्ण हे केशव! तुम्हारा ही सहारा है।
न तुमको छोड़ कर संसार में कोई हमारा है । हमें हे ॥
पड़े जब भीर भक्तों पर तभी तुम दौड़े आते हो।
सुना है भक्त से सबसे बड़ा नाता तुम्हारा है । हमें हे ॥
कभी तुम राम बनते हो कभी घनश्याम बनते हो।
गिनाऊँ क्या कि कितनी बार भक्तों को उबारा है। हमें हे ॥
नहीं लौटा तुम्हारे द्वार से कभी कोई भी खाली ।
कहो भगवन् हमारे वास्ते अब क्या विचारा है॥ हमें हे॥
बताया है हमें हे देवदेव? नारायण’ तुमने ही ।
कि अपने भक्तों का मैं, भक्तों से मुझको प्यार है । हमें हे ॥
⭐⭐⭐