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श्री कृष्ण गोपाल प्रार्थना हिंदी में । Shri Krishna Gopal prathna in Hindi PDF

श्री कृष्ण गोपाल प्रार्थना

नटबर पगुधारी गोकुलानन्दकारी ।

बृज युवति बिहारी रास लीला प्रचारी ॥

बहु वनवारी कंश को मान भारी ।

सकल विघ्नटारी लीजिये प्रभु सुधि हमारी ॥

नाथन के नाथ हो….

धन बृन्दावन गाँव है धन बृन्दावन धाम ।

धन बृन्दावन ऋषि कहें, सुमिरे राधेश्याम ॥

जहाँ जाय गोपी बसे, जहां बसे यदुराय ।

प्रियजन की रक्षा करों, मुरली मधुर बजाय ॥

गउवन के पीछे फिरे, लिये लकुटिया हाथ ।

धन-धन गउवन भाग्य है कृष्ण लिये अवतार ॥

धन यौवन उड़ जायगो, जैसे उड़त कपूर ।

नारायण गोपाल भज, क्यों चाटे जग धूर ॥

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नमो कृष्ण भगवान वंशी बजैया प्राथना

नमो कृष्ण भगवान वंशी बजैया ।

नमो कृष्ण संकट में, धीरज धरैया।

नमो कृष्ण भक्तों के दुःख के हरैया।

नमोनन्द- नन्दन हमारे कन्हैया ॥

नमस्कार चरणों में आनन्द दाता ।

नमस्कार सर्वत्र ज्ञाता विधाता ।।

नमो कृष्ण केशव कन्हैया बिहारी ।

नमो कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारी ।

नमो कृष्ण अवतार – धारी मुरारी ।

नमो भक्त वत्सल नमो धर्म धारी ॥

तुम्हारा ही भक्तों में भगवान बल है।

तुम्हीं से सदा भक्त जीवन सफल है ॥

सुजन भक्तजन के सुमन श्याम तुम हो ।

दुःखी दीन दुनियाँ के आराम तुम हो।

सदा सच्चिदानन्द घनश्याम तुम हो ॥

हरे नीति आगम निगम सार तुम हो।

सकल विश्व के एक आधार तुम हो ।।

सुना है तुम्हें भक्त जन सब सुमरते ।

नहीं आप फिर एक क्षण धीर धरते।

दया कर दया मय सकल दुःख हरते ।

हृदय से लगा प्रेम से पार करते ।।

तुम्हारे ही बल से मगन भक्त रहते हैं।

हरे कृष्ण श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण कहते हैं।

प्रभो दास को भक्ति का पथ मिला दो ।

मुझे मन के मन्दिर में दर्शन दिखा दो ।

हरे कृष्ण श्रीकृष्ण मुझको रटा दो।

इसी नाम का चक्र मन में चला दो ॥

रहे मेरे मन में अटल कृष्ण भक्ति ।

मधुप मैं बनूं कमल कृष्ण भक्ति ॥

लगालूँ लगन तुममें मुरली मनोहर ।

रहूँ मैं मगन तुझमें मुरली मनोहर ।

रखूँ अपना मन तुझमें मुरली मनोहर ।

मिलूँ त्याग तन तुझमें मुरली मनोहर ॥

नारायण अब दिखें मुझको जीवन खिवैया ।

मुझे रट लगे श्री कृष्ण कन्हैया कन्हैय्या ।।

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हमें हे कृष्ण हे केशव प्राथना

हमें हे कृष्ण हे केशव! तुम्हारा ही सहारा है।

न तुमको छोड़ कर संसार में कोई हमारा है । हमें हे ॥

पड़े जब भीर भक्तों पर तभी तुम दौड़े आते हो।

सुना है भक्त से सबसे बड़ा नाता तुम्हारा है । हमें हे ॥

कभी तुम राम बनते हो कभी घनश्याम बनते हो।

गिनाऊँ क्या कि कितनी बार भक्तों को उबारा है। हमें हे ॥

नहीं लौटा तुम्हारे द्वार से कभी कोई भी खाली ।

कहो भगवन् हमारे वास्ते अब क्या विचारा है॥ हमें हे॥

बताया है हमें हे देवदेव? नारायण’ तुमने ही ।

कि अपने भक्तों का मैं, भक्तों से मुझको प्यार है । हमें हे ॥

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