Homeभजनकान्हा ने माखण भावे रे | Kanha Ne Makhan Bhave Re

कान्हा ने माखण भावे रे | Kanha Ne Makhan Bhave Re

कान्हा ने माखण भावे रे,

व्हाला ने मिसरी भावे रे । टेर ।।

घारी धराऊ न घुघरा धरू,

घेवर धराऊ सई मोहन थाल ने मालपुआ,

पण माखण जेवा नहीं

॥ १ ॥

शिरो धराऊ ने श्रीखण्ड धरू,

सुत्तर फेणी सई ऊपर ताजा घी भरू,

पण माखण जेवा नहीं

॥ २ ॥

जात जात ना मेवा धराऊ,

दूध साकर ने दही छपन भोग सामग्री धरू,

पण माखन जेवा नहीं

॥ ३ ॥

गोपीए माखन धरूए अणे हाथ जोड़ ऊबी रही दीनानाथ रीझयो तिहारे नाचया थेई थेई थेई ॥ ४ ॥

अर्थ : व्हाला प्यारा, घारी मिठाई, घुघरा = गुझिया

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