काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।
माता ने मईड़ो विलोमा क्यों नहीं दोरे, मोहन प्यारा मईड़ो विलोमा क्यों नहीं दोरे ॥ १ ॥
काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।
म्हारे लालजी आयो मान्ड्यो, म्हारे हाथ दुवारी हेरिए। वासन कुशल म्हारे ललता मांझे, बाल भोग री त्यारी रे ॥ २ ॥
काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।
प्यालो भरीयो दुध दही सूं, इतनो हट ना करोरे हेरिए माखन मिश्री म्हारे सब रस मेवा ऊपर बूरो घणो लोरे ॥ ३॥
काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।
सीरो पूड़ी भात कारे साग सलूण लोरे हेरिए सोवा मेथी म्हारे और पालको, रूच रूच भोग लगावोरे ॥ ४ ॥
काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।
रोय रोय अंखिया राती किनी आंसू झगलो भीनो हेरिऐ सूरदास था पर बारी हो यशोदा मैया जो सोई भावे सो लोरे ॥ ५ ॥
काना लाडुड़ो सो लेवो रे मोहन प्यारा, लाडुड़ो सो लेवोरे।