जीमो श्याम सुन्दर जलेबी गरम है।
ताजो ताजो लाई यो हलवो नरम है।
॥ टेर ॥
केशर इलायची की देखो बहार है,
दूध की जलेबी या बनी मजेदार है
कचोरी मैं लाई ये गरमा गरम है
॥ टेर ॥
राज भोग चम चम कलाकंद खिलाऊं,
पिस्ता बदाम की मैं बरफी जिमाऊं,
किसमिस की लोंजी किसीसे न कम है
॥ टेर ॥
धेवर के संग में रसीली है
नुक्ती ताजी ताजी गरमा गरम है
इमरती केशरीया भात घी में तरवा तरम है
॥ टेर ॥
माल पुआ खीर के संग पूड़ी नरम है,
केशर की चक्की और भुजिआ गरम है,
लच्छेदार खड़ी ये नरमा नरम है
॥ टेर ॥
मीरा जैसी भक्ति हमारे प्रभु दीजो विनती है आपसे
श्री नाथ जी सुन लिजो ये भक्त मण्डल तुम्हारी शरण है
॥ टेर ॥