नमस्कार मित्रों आज हम आपको गणेश जी की आरती जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा का लिरिक्स देंगे और साथ में ही हम आपको गणेश जी की आरती का हिंदी अनुवाद भी बताएंगे और इसके साथ ही हम आपको आरती का वीडियो तथा ऑडियो भी प्रदान करेंगे तो अगर आप गणेश जी की आरती को पढ़ना चाहते हैं।
तो नीचे हमने आरती दी हुई है और उसके नीचे हमने आरती अनुवाद लिखा हुआ है जिससे आप गणेश जी की आरती का अनुवाद पढ़कर आरती का मतलब भी बहुत आसानी से जान सकते हैं।
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा गणेश जी की आरती हिन्दी अनुवाद

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
हे भगवान गणेश आपकी जय हो हे भगवान गणेश आपकी जय हो जय हो गणेश देव की
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
जिनकी माता पार्वती हो और पिता भगवान महादेव हो
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।
हे एक दांत वाले हे दयावान जो चारभुजा धारण करते हो ( जिनकी चारभुजा हो)
माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥
जिनके सर पर सिंदूर सजता है और जो चूहे की सवारी करते हैं
पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।
जिन का जिनका भोग पान चढ़ता है जिनका भोग फल चढ़ता है जिनका भोग मेवा चढ़ता है
लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा ॥
जिनको लड्डुओं का भोग लगता है और जिनकी संत सेवा करते हैं।
अंधन को आंख देत,कोढ़िन को काया ।
जो अंधे को आंख देते हैं और कोढ़ वाले व्यक्ति को काया देते हैं।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ॥
जो बांझ को पुत्र देते हैं और निर्धन को माया देकर धनवान करते हैं
‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।
हर दिन और रात को आपकी शरण आते हैं हमारी सेवा सफल कीजिए
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
जिनकी माता पार्वती है और पिता महादेव है
दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।
जो दीन की लाज रखते हैं और शंभू के सूत यानी पुत्र है
कामना को पूर्ण करो,जाऊं बलिहारी ॥
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी (आपकी नजर उतारू )
तो मित्रों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको भगवान गणेश की आरती और आरती के हिंदी अनुवाद को बताया है । जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा आशा करते हैं आपको आज का यह पोस्ट अच्छा लगा होगा ऐसे ही पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट पर विजिट करते रहें।