Homeस्तोत्रHanuman Vadvanal Stotra | हनुमान वडवानल स्तोत्र

Hanuman Vadvanal Stotra | हनुमान वडवानल स्तोत्र

नमस्कार मित्रों जय बाबे री जय बजरंगबली जय श्री राम मित्रों आज हम आपको Hanuman Vadvanal Stotra | हनुमान वडवानल स्तोत्र के बारे में बताएंगे इस स्त्रोत्र को हमने आपके लिए हिंदी में अंग्रेजी में और साथ ही साथ इस स्त्रोत्र का Hanuman Vadvanal Stotra pdf भी आपके लिए प्रदान किया है मित्रों इसी स्त्रोत्र के साथ हम आपको hanuman vadvanal stotra mp3 download और वीडियो भी दे रहे हैं।

यह स्त्रोत्र हनुमान जी को अत्यधिक प्रिय है इस स्त्रोत्र को करने से हनुमान जी उस भक्त पर बहुत अधिक प्रसन्न होते हैं जो इस स्तोत्र का पाठ करते हैं हनुमान जी को भगवान शिव का भी रूप माना जाता है हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है और उनमें भगवान शिव का ही रूप होता है

मित्रों आपने बजरंगबली को अष्ट सिद्धि और नवनिधि के दाता के नाम से तो सुना ही होगा बजरंगबली हनुमान जी महाराज भक्तों की संपूर्ण समस्याओं का समाधान करके उसको सभी सुखों का प्रदान करते हैं उसे अष्ट सिद्धि नव निधि प्रदान करते हैं उसे धन-धान्य विद्या सुख संपत्ति सबकुछ प्रदान करते हैं

आपने यह जरूर सुना होगा कि जो कोई भी भक्त भगवान श्री हनुमान जी को राम भक्त या रामदास के नाम से संबोधित करता है उस पर वीर बजरंगबली बहुत ही कृपा करते हैं क्योंकि भक्तों हनुमान जी को श्री रामचंद्र का दास कहलवाना और सुनने में बहुत अच्छा लगता है मित्रों हनुमान जी को राम जी का दास इसलिए कहा जाता है

क्योंकि वह अपने आप को भगवान श्री राम के प्रति समर्पित करते हैं और उन्हें अपना सब कुछ मानते हैं जो कोई भी भक्त वीर हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी को बाबा राम राम कहता है उन सभी भक्तों को हनुमान जी बहुत प्रश्न कर देते हैं उन्हें सभी प्रकार के धन-संपत्ति और सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।

Hanuman Vadvanal Stotra | हनुमान वडवानल स्तोत्र

विनियोग

ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र-मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः,
श्रीहनुमान् वडवानल देवता, ह्रां बीजम्, ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं,
मम समस्त विघ्न-दोष-निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थे
सकल-राज-कुल-संमोहनार्थे, मम समस्त-रोग-प्रशमनार्थम्
आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त-पाप-क्षयार्थं
श्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये।

ध्यान
मनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते प्रकट-पराक्रम
सकल-दिङ्मण्डल-यशोवितान-धवलीकृत-जगत-त्रितय
वज्र-देह रुद्रावतार लंकापुरीदहय उमा-अर्गल-मंत्र
उदधि-बंधन दशशिरः कृतान्तक सीताश्वसन वायु-पुत्र
अञ्जनी-गर्भ-सम्भूत श्रीराम-लक्ष्मणानन्दकर कपि-सैन्य-प्राकार
सुग्रीव-साह्यकरण पर्वतोत्पाटन कुमार-ब्रह्मचारिन् गंभीरनाद
सर्व-पाप-ग्रह-वारण-सर्व-ज्वरोच्चाटन डाकिनी-शाकिनी-विध्वंसन
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीर-वीराय सर्व-दुःख
निवारणाय ग्रह-मण्डल सर्व-भूत-मण्डल सर्व-पिशाच-मण्डलोच्चाटन
भूत-ज्वर-एकाहिक-ज्वर, द्वयाहिक-ज्वर, त्र्याहिक-ज्वर
चातुर्थिक-ज्वर, संताप-ज्वर, विषम-ज्वर, ताप-ज्वर,
माहेश्वर-वैष्णव-ज्वरान् छिन्दि-छिन्दि यक्ष ब्रह्म-राक्षस
भूत-प्रेत-पिशाचान् उच्चाटय-उच्चाटय स्वाहा।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः आं हां हां हां हां
ॐ सौं एहि एहि ॐ हं ॐ हं ॐ हं ॐ हं
ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते श्रवण-चक्षुर्भूतानां
शाकिनी डाकिनीनां विषम-दुष्टानां सर्व-विषं हर हर
आकाश-भुवनं भेदय भेदय छेदय छेदय मारय मारय
शोषय शोषय मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय
प्रहारय प्रहारय शकल-मायां भेदय भेदय स्वाहा।


ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते सर्व-ग्रहोच्चाटन
परबलं क्षोभय क्षोभय सकल-बंधन मोक्षणं कुर-कुरु
शिरः-शूल गुल्म-शूल सर्व-शूलान्निर्मूलय निर्मूलय
नागपाशानन्त-वासुकि-तक्षक-कर्कोटकालियान्
यक्ष-कुल-जगत-रात्रिञ्चर-दिवाचर-सर्पान्निर्विषं कुरु-कुरु स्वाहा।

ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते
राजभय चोरभय पर-मन्त्र-पर-यन्त्र-पर-तन्त्र
पर-विद्याश्छेदय छेदय सर्व-शत्रून्नासय
नाशय असाध्यं साधय साधय हुं फट् स्वाहा।


।। इति विभीषणकृतं हनुमद् वडवानल स्तोत्रं ।।

Hanuman Vadvanal Stotra in English

ōṁ asya śrī hanumadbaḍabānala stōtra mahāmantrasya śrīrāmacandra r̥ṣiḥ, śrī baḍabānala hanumān dēvatā, mama samasta rōga praśamanārthaṁ āyurārōgya aiśvaryābhivr̥ddhyarthaṁ samasta pāpakṣayārthaṁ śrīsītārāmacandra prītyarthaṁ hanumadbaḍabānala stōtra japamahaṁ kariṣyē |

ōṁ hrāṁ hrīṁ ōṁ namō bhagavatē śrīmahāhanumatē prakaṭa parākrama sakaladiṅmaṇḍala yaśōvitāna dhavalīkr̥ta jagattritaya vajradēha, rudrāvatāra, laṅkāpurī dahana, umā analamantra udadhibandhana, daśaśiraḥ kr̥tāntaka, sītāśvāsana, vāyuputra, añjanīgarbhasambhūta, śrīrāmalakṣmaṇānandakara, kapisainyaprākāra sugrīva sāhāyyakaraṇa, parvatōtpāṭana, kumāra brahmacārin, gambhīranāda sarvapāpagrahavāraṇa, sarvajvarōccāṭana, ḍākinī vidhvaṁsana,

ōṁ hrāṁ hrīṁ ōṁ namō bhagavatē mahāvīravīrāya, sarvaduḥkhanivāraṇāya, grahamaṇḍala bhūtamaṇḍala sarvapiśāca maṇḍalōccāṭana bhūtajvara ēkāhikajvara dvyāhikajvara tryāhikajvara cāturthikajvara santāpajvara viṣamajvara tāpajvara māhēśvara vaiṣṇava jvarān chindi chindi, yakṣa rākṣasa bhūtaprētapiśācān uccāṭaya uccāṭaya,

ōṁ hrāṁ hrīṁ ōṁ namō bhagavatē śrīmahāhanumatē,

ōṁ hrāṁ hrīṁ hrūṁ hraiṁ hrauṁ hraḥ āṁ hāṁ hāṁ hāṁ hāṁ auṁ sauṁ ēhi ēhi,

ōṁ haṁ ōṁ haṁ ōṁ haṁ ōṁ namō bhagavatē śrīmahāhanumatē śravaṇacakṣurbhūtānāṁ śākinī ḍākinī viṣama duṣṭānāṁ sarvaviṣaṁ hara hara ākāśa bhuvanaṁ bhēdaya bhēdaya chēdaya chēdaya māraya māraya śōṣaya śōṣaya mōhaya mōhaya jvālaya jvālaya prahāraya prahāraya sakalamāyāṁ bhēdaya bhēdaya,

ōṁ hrāṁ hrīṁ ōṁ namō bhagavatē śrīmahāhanumatē sarva grahōccāṭana parabalaṁ kṣōbhaya kṣōbhaya sakalabandhana mōkṣaṇaṁ kuru kuru śiraḥśūla gulphaśūla sarvaśūlānnirmūlaya nirmūlaya
nāga pāśa ananta vāsuki takṣaka karkōṭaka kālīyān yakṣa kula jalagata bilagata rātriñcara divācara sarvānnirviṣaṁ kuru kuru svāhā,

rājabhaya cōrabhaya parayantra paramantra paratantra paravidyācchēdaya chēdaya svamantra svayantra svavidyāḥ prakaṭaya prakaṭaya sarvāriṣṭānnāśaya nāśaya sarvaśatr̥̄nnāśaya nāśaya asādhyaṁ sādhaya sādhaya huṁ phaṭ svāhā |

|| iti śrī vibhīṣaṇakr̥taṁ hanumadbaḍabānala stōtram ||

Hanuman Vadvanal Stotra PDF | हनुमान वडवानल स्तोत्र

Hanuman Vadvanal Stotra with Lyrics (हनुमान वडवानल स्तोत्र)

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